मिशन ‘गगनयान’ का पैराशूट सिस्टम: सुरक्षित वापसी की गारंटी
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। इस मिशन का एक सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा है अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी। इसी को सुनिश्चित करने के लिए ‘एयरड्रॉप डिप्लॉयमेंट सिस्टम (ADS)’ या पैराशूट प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया है, जिसे ‘इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01)’ नाम दिया गया है।
यह परीक्षण बताता है कि अंतरिक्ष से वापस लौटते समय, क्रू मॉड्यूल (अंतरिक्ष यात्रियों का कैप्सूल) की गति को कम करने और उसे सुरक्षित रूप से जमीन पर उतारने के लिए पैराशूट कैसे काम करेंगे। यह परीक्षण ISRO, भारतीय वायु सेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के संयुक्त प्रयास से पूरा किया गया, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक बड़ी सफलता है।
इस परीक्षण में, मॉड्यूल को एक निश्चित ऊँचाई से गिराया गया, जहाँ पैराशूट ने सही क्रम में खुलना शुरू किया। प्रारंभिक मंदन के लिए 2 ड्रोग पैराशूट, उसके बाद पायलट शूट और सुरक्षित उतराई सुनिश्चित करने के लिए 3 मुख्य पैराशूट का उपयोग किया गया। यह सफल परीक्षण गगनयान मिशन के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है और इसने भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता वाले चुनिंदा देशों में शामिल होने के करीब ला दिया है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- गगनयान मिशन के लिए हाल ही में किए गए एयर ड्रॉप टेस्ट का आधिकारिक नाम क्या है?
- (a) एयरड्रॉप डिप्लॉयमेंट टेस्ट-01 (ADT-01)
- (b) इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट-01 (IADT-01)
- (c) पैराशूट सिस्टम टेस्ट-01 (PST-01)
- (d) क्रू मॉड्यूल रिकवरी टेस्ट-01 (CMRT-01)
- गगनयान मिशन का लक्ष्य क्या है?
- (a) चंद्रमा पर मानव को भेजना
- (b) मंगल पर रोवर भेजना
- (c) पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजना
- (d) एक नया अंतरिक्ष स्टेशन बनाना
- ‘इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट’ में ISRO के साथ और कौन-कौन से संगठन शामिल थे?
- (a) केवल भारतीय वायु सेना
- (b) DRDO और भारतीय नौसेना
- (c) भारतीय वायु सेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल
- (d) नासा और इसरो
- क्रू मॉड्यूल को वापस लाने के लिए कितने मुख्य पैराशूट का उपयोग किया जाएगा?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 5
- गगनयान मिशन की मानव रहित परीक्षण उड़ान में किस रोबोट को भेजा जाएगा?
- (a) रोबोमित्र
- (b) व्योममित्र
- (c) अंतरिक्षमित्र
- (d) गगनमित्र
- IADT-01 परीक्षण का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- (a) रॉकेट की गति को बढ़ाना
- (b) अंतरिक्ष में ईंधन की खपत को जांचना
- (c) अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए पैराशूट सिस्टम की जांच करना
- (d) अंतरिक्ष यान के संचार प्रणाली का परीक्षण करना
- गगनयान मिशन के लिए किस रॉकेट (लॉन्च व्हीकल) का उपयोग किया जाएगा?
- (a) PSLV
- (b) GSLV
- (c) HLVM3
- (d) SSLV
- ISRO की योजना 2035 तक क्या स्थापित करने की है?
- (a) अपना अंतरिक्ष स्टेशन
- (b) चंद्रमा पर एक बेस कैंप
- (c) मंगल पर एक कॉलोनी
- (d) एक नया उपग्रह ट्रैकिंग नेटवर्क
- मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता हासिल करने वाला भारत दुनिया का कौन सा देश बन जाएगा?
- (a) दूसरा
- (b) तीसरा
- (c) चौथा
- (d) पाँचवाँ
- इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) में कौन से पैराशूट का इस्तेमाल किया गया था?
- (a) केवल ड्रोग पैराशूट
- (b) केवल मुख्य पैराशूट
- (c) ड्रोग, पायलट और मुख्य पैराशूट
- (d) इनमें से कोई नहीं
- मुख्य प्रश्न और उत्तर
प्रश्न: गगनयान मिशन के संदर्भ में ‘इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01)’ के महत्व का विश्लेषण कीजिए और यह भी बताइए कि यह मिशन की सफलता में कैसे योगदान देगा।
उत्तर:
गगनयान मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो देश को मानव अंतरिक्ष उड़ान की क्षमता प्रदान करेगा। इस मिशन की सफलता न केवल अंतरिक्ष में मानव को भेजने पर निर्भर करती है, बल्कि उसे सुरक्षित रूप से वापस लाने पर भी निर्भर करती है। ‘इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01)’ इसी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
IADT-01 का महत्व: - सुरक्षा का प्रमाण: यह परीक्षण क्रू मॉड्यूल की पृथ्वी पर वापसी के दौरान उसकी गति को धीमा करने के लिए डिजाइन किए गए पैराशूट सिस्टम की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से उतर सकें।
- संयुक्त प्रयास और सहयोग: यह परीक्षण ISRO, भारतीय वायु सेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के बीच मजबूत समन्वय और सहयोग को दर्शाता है। इस तरह के बड़े मिशनों के लिए विभिन्न एजेंसियों का एक साथ काम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- रियल-टाइम डेटा: इस परीक्षण से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक पैराशूट की तैनाती, वायुगतिकी और मंदन (deceleration) की सटीक गणना कर सकते हैं। यह भविष्य के परीक्षणों और अंतिम मिशन के लिए आवश्यक समायोजन करने में मदद करेगा।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता: इस तरह के जटिल सिस्टम का स्वदेशी रूप से परीक्षण और विकास करना भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। यह भविष्य में और भी जटिल मिशनों के लिए आधार तैयार करता है।
मिशन की सफलता में योगदान:
IADT-01 यह प्रमाणित करता है कि क्रू मॉड्यूल सुरक्षित रूप से वापस लौट सकता है। यह मिशन की सबसे संवेदनशील और जोखिम भरी प्रक्रियाओं में से एक है। इस सफल परीक्षण के बिना, मिशन को आगे बढ़ाना संभव नहीं होता। यह न केवल ISRO के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक विश्वसनीय और प्रमाणित प्रणाली तैयार है। इस प्रकार, यह परीक्षण गगनयान मिशन को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सुनिश्चित करता है कि भारत का यह महत्वाकांक्षी सपना पूरा हो सके।
